आज की तिथि क्या है
Aaj ki tithi kya hai in hindi
3 मार्च 2025
की तिथि

आज की तिथि क्या है :
पंचांग तिथी, शुभ मुहूर्त
- आज की तिथि क्या है, विस्तार से :
- दिनांक : 3 मार्च 2025
- वार : सोमवार
- माह (अमावस्यांत) : फाल्गुन
- माह (पूर्णिमांत) : फाल्गुन
- ऋतु : वसंत
- आयन : उत्तरायण
- पक्ष : शुक्ल पक्ष
- तिथि: चतुर्थी तिथि (शाम 06:02 बजे तक) तत्पश्चात पंचमी तिथि
- नक्षत्र: अश्विनी नक्षत्र (4 मार्च को प्रात: 04:29 तक) उसके बाद भरणी नक्षत्र
- योग: शुक्ल योग (सुबह 08:56 तक) तत्पश्चात ब्रह्म योग
- करण: वणिज करण (सुबह 07:30 तक) इसके बाद विष्टि भद्र करण
- चन्द्र राशि: मेष
- सूर्य राशि: कुंभ
- अशुभ समय:
- राहु काल: सुबह 08:17 से सुबह 09:44 तक
- शुभ मुहूर्त:
- अभिजित : दोपहर 12:16 से दोपहर 01:02
- सूर्योदय: 06:50
- सूर्यास्त : 06:28
- संवत्सर : क्रोधी
- संवत्सर(उत्तर) : कालयुक्त
- विक्रम संवत: 2081 विक्रम संवत
- शक संवत: 1946 शक संवत
- Aaj ki tithi kya hai in hindi as above
Aaj ki tithi hindi panchang
आज की तिथि क्या है -
जाणिये इस महिने के मुहूर्त
- विनायक चतुर्थी : 3 मार्च
- दुर्गाष्टमी : 7 मार्च
- जागतिक महिला दिन : 8 मार्च
- आमलकी एकादशी : 10 मार्च
- होली : 13 मार्च
- फाल्गुन पूर्णिमा : 14 मार्च
- संकष्ट चतुर्थी : 17 मार्च
- भागवत एकादशी :26 मार्च
- फाल्गुन अमावास्या : 29 मार्च
Panchang Tithi
आज की तिथि क्या है
Aaj ki tithi kya hai in hindi - पंचांग: एक परिचय
भारतीय संस्कृति में पंचांग का विशेष स्थान है। यह हिंदू धर्म के धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय पहलुओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। पंचांग एक ऐसा ज्योतिषीय कैलेंडर है जो दिन, तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, शुभ कार्यों और दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए किया जाता है।
Aaj ki tithi kya hai in hindi
पंचांग का अर्थ
‘पंचांग’ शब्द संस्कृत के दो शब्दों ‘पंच’ (पांच) और ‘अंग’ (भाग) से मिलकर बना है। इसका अर्थ है पांच अंगों या भागों का समूह। ये पांच भाग निम्नलिखित हैं:
- तिथि – चंद्रमा के अनुसार दिन का मापन
- वार – सप्ताह के सात दिन
- नक्षत्र – चंद्रमा की स्थिति के आधार पर तारों का समूह
- योग – सूर्य और चंद्रमा की सापेक्ष स्थिति
- करण – आधी तिथि का मापन
Aaj ki tithi kya hai in hindi
पंचांग का महत्व
पंचांग का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत, पर्व और विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त जानने के लिए किया जाता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार, किसी भी कार्य की सफलता या असफलता समय के चयन पर निर्भर करती है। पंचांग का सही उपयोग कर व्यक्ति शुभ समय का चयन कर सकता है जिससे कार्य की सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
पंचांग के प्रमुख घटक
- तिथि – यह चंद्रमा के बढ़ने और घटने के आधार पर मापी जाती है। हर तिथि का अपना धार्मिक महत्व होता है। जैसे एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या आदि।
- वार – सप्ताह के सात दिन (सोमवार से रविवार) जो ग्रहों के नाम पर आधारित हैं।
- नक्षत्र – 27 नक्षत्र होते हैं जो चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। विवाह, यज्ञ आदि शुभ कार्यों में नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है।
- योग – 27 योग होते हैं जो सूर्य और चंद्रमा की सापेक्ष स्थिति पर आधारित होते हैं।
- करण – यह आधी तिथि का प्रतिनिधित्व करता है। कुल 11 करण होते हैं।
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पंचांग और धार्मिक पर्व
भारत में मनाए जाने वाले सभी धार्मिक पर्वों की तिथि पंचांग के आधार पर तय की जाती है। जैसे – मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि, रामनवमी, जन्माष्टमी, दीपावली आदि। पंचांग के अनुसार शुभ समय देखकर ही पूजा और हवन जैसे धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं।
आधुनिक युग में पंचांग
आज के डिजिटल युग में पंचांग का स्वरूप भी आधुनिक हो गया है। ऑनलाइन वेबसाइट्स और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से लोग पंचांग की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे लोगों के लिए शुभ मुहूर्त जानना और दैनिक पंचांग की जानकारी लेना आसान हो गया है।
पंचांग भारतीय संस्कृति और ज्योतिष का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोगी है, बल्कि दैनिक जीवन में भी मार्गदर्शन प्रदान करता है। समय का सही उपयोग कर व्यक्ति अपने जीवन को सुखमय और समृद्ध बना सकता है। पंचांग के ज्ञान के माध्यम से हम प्रकृति के चक्र को समझ सकते हैं और उसके अनुरूप अपने जीवन को ढाल सकते हैं।